गुरुवार, 5 जुलाई 2012

अब ब्रह्माण्ड के राज से उठेगा पर्दा

दुनिया भर के भौतिक वैज्ञानिको ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है .गाड  पार्टिकल की खोज एक ऐतिहासिक घटना है ,ठीक उसी तरह जैसे चेचक के टीके ,बल्ब और इन्टरनेट के खोज की घटना थी .पर शायद यह खोज इन सबसे बढ़ कर साबित हो क्योंकि गाड  पार्टिकल की अवधारणा सीधे सृष्टि की उत्पत्ति के सवाल से जुडती है .यह खोज विज्ञान  और अध्यात्म की दूरियों को कुछ कम कर देने वाला भी साबित होगा ,ऐसा लगता है .बहरहाल अभी तो ये शुरुवाती सफलता है .ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के सवाल को सुलझाने में थोडा वक्त तो लगेगा ही .पर यह सफलता उस प्रयास की सही दिशा की तरफ इशारा जरूर करती है ,जिस दिशा में जाने से ये गुत्थी  सुलझ सकेगी .

गाडपार्टिकल या हिग्स  बोसोन की अवधारणा ब्रिटिश भौतिक शास्त्री पीटर हिग्स की है जो बोस -आइन्स्टीन के स्टेतिस्तिकल फिजिक्स पर आधारित है .भारतीय वैज्ञानिक बोस और ब्रिटिश वैज्ञानिक पीटर हिग्स के नामों के आधार पर ही इस पार्टिकल का नाम हिग्स बोसोन रखा गया था . यह कण सिंगल टॉप क्वार्क के सामान एक आदि मूल कण है जो पदार्थ के आकार प्रकार के लिए जिम्मेदार होता है .साथ ही पदार्थ में भार होने का कारण भी हिग्स बोसोन को ही माना जाता है  लगभग ५ दशको से भौतिकी के क्षेत्र में रहस्य रहे इस कण की गुत्थी पिछले दिनों सुलझ चुकी है .वैज्ञानिको ने हिग्स बोसोन जैसे कणों  के होने की पुष्टि कर दी है .इस सफलता के बाद ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का रहस्य भी जल्दी ही सामने आ सकेगा .यह कण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से सम्बंधित बिग बैंग थ्योरी की सार्थकता को भी प्रमाडित  करता है .

उम्मीद की जा रही है की यह खोज भारतीय तत्व चिंतन के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य का काम करेगा .हमारी चिंतन प्रणाली कण कण में ईश्वरके होने की बात करती है .गाड पार्टिकल की खोज इस तथ्य के लिए एक साक्ष्य का कार्य करेगी

वैसे यह अवसर भारतीय वैज्ञानिकों  के लिए दोहरी खुशी  का है .जहाँ इस प्रयोग का आधार तैयार करने में भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्रनाथ बोस की  महत्वपूर्ण भूमिका  थी  ,वही इस प्रयोग को जारी रखने में २०० से अधिक भारतीय वैज्ञनिक अपना योगदान दे रहे है .इस प्रयोग के दौरान उपयोग में लायी गयी लाखों चिपों का निर्माण भी एक भारिय फर्म  द्वारा चंडीगढ़ में किया गया .भारतीय मेधा ने एक बार फिर सराहनीय प्रदर्शन किया है .

हम इस मिशन में लगे सभी वैज्ञानिको के अथक परिश्रम को नमन करते है और भविष्य में इस प्रयोग की सफलता की कामना करते है

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