शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

शर्म हमें मगर क्यूँ आती नहीं

आज पूरा मीडिया सराबोर है .तीन- तीन ब्रेकिंग न्यूज़ ,तीनो मसालेदार .एक न्यूज़ में २० लोग एक लड़की को  नंगा करने की कोशिश कर रहे है ,उसका  वीडियोशूट किया गया ,फिर उसे यू-ट्यूब  पर अपलोड किया गया ....दूसरी खबर जिसमे पुलिस थाने में एक दरोगा एक महिला के साथ दुर्वयवहार कर रहा है ,थाने में तैनात और लोग तमाशबीन की भूमिका में खड़े रहते है ,आखिर ऐसे दुर्लभ दृश्य किस्मतवालो को ही देखने को मिलते है ..,मामले का खुलासा  तो तब होता है जब वो दिलेर औरत किसी तरह खुद भाग कर बाहर आती है .मीडिया के पहुँचते ही सारे  पुलिसवाले दरोगाजी   के बचाव में आ जाते है कि वो मनोरोगी है ..ये जवाब काबिले गौर है .हमारी आप की हिफाजत करने के लिए सरकार ने ख़ास तौर पे मनोरोगी थानेदार नियुक्त कर रखे है ...ऐसी सरकार को शत -शत नमन है ......तीसरी खबर ऐसी है जो दुनिया की किसी भी भाषा में शायद बयां नहीं की जा सकती ....एक नाबालिग लड़की को उसीके परिजनों (भाई और भाभी ) ने गर्त में धकेल दिया .....कुल मिला कर आज तो इलेक्ट्रानिक मीडिया की चांदी है. टी आर पी बढ़ाने का सुनहरा मौका?

आइये टेलीविजन से बाहर  की दुनिया पर जरा गौर फरमाएं ...ये सब तो होता ही रहता है ..आखिर इतना बड़ा देश है ...थोडा राज काज पर नजर डालें ...इन तीन शर्मनाक हादसों के बाद  हमारे महान अर्थशाष्त्री प्रधानमंत्री हमेशा की तरह खामोश है ,विश्व की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक और केंद्र सरकार की आलाकमान श्रीमती सोनिया गाँधी (जो इत्तेफाक से खुद भी एक महिला है ) बिलकुल चुप है ...क्योकि उनकी हिंदी अच्छी नहीं है ,वो तभी बोलती है जब उन्हें कुछ लिख कर दिया जाता है .देश के अगले संभावित राष्ट्रपति अपना समर्थन जुटाने में मशगूल है ,वैसे पिछले दस सालों में वो तभी बोलते थे जब मनमोहन सरकार पर कोई संकट आता था ,यानी ये उनकी दिलचस्पी का विषय नहीं है ...बाबा रामदेव ,अन्ना हजारे ,अरविन्द केजरीवाल केवल कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर गला फाड़ते है ,अगर तीन महिलायों के साथ सरेआम दुर्वयवहार हुआ तो ये बेचारे क्या करे ,ये कोई भ्रष्टाचार का मुद्दा तो है नहीं ...हमारे बुद्धिजीवी भी ऐसी रोजमर्रा की घटनाओ पर कुछ कहने के आदी नहीं है,अगर इमरजेंसी ,भोपाल गैस त्रासदी ,वर्ड ट्रेड सेंटर,ब्रह्मेश्वर दिव्वेदी  हत्याकांड या नक्सलियों पर हमला  जैसी कोई घटना होती तो ये लोग भी अपनी कीमती राय व्यक्त  करते .....हाँ  अगर कवि लोग चाहेंगे तो एक आध महीने में एक कविता इस घटना पर जरूर लिख मारेंगे ,पर अभी उन्हें छेड़ने की जरूरत नहीं है

कहने सुनने के तौर पर एक बयान आया है ,पुलिस सरगना (अर्थात डी जी पी) का कि हम देश के हर नागरिक के पीछे पुलिस का आदमी नहीं खड़ा कर सकते ..पर जनाब यहाँ तो मामला थाने में ही  रेप की कोशिश का है .इसका क्या जब रक्षक ही भक्षक बन जाये ,तिजोरी ही हार को निगल जाये .तब क्या करे ये मुआ आम आदमी ..किस फ़रिश्ते के सामने लगाये गुहार .या फिर शर्म बेबसी और जलालत से तंग आकर डूब मारे कहीं  जा कर .

ये घटनाये दुनिया की तमाम लक- दक पे एक बदनुमा दाग की तरह है .हमारे सभ्य होने पे एक सवालिया निशान लगाती है ये घटनाये .भारतीय संविधान  की प्रस्तावना में आये "लोक कल्याण कारी राज्य " पद की एक दुखद पैरोडी है ये घटनाये . आजादी के साठ साल हो जाने के बावजूद आज तक हम  महिलायों के लिए एक सुरक्षित कोना नहीं बना पाए .समाज ,क़ानून यहाँ तक कि उसका घर तक सुरक्षित नहीं है उसके लिए .

महिलायों पर हिंसा के न जाने कितने प्रकार है ,ये तो कोई अपराध विज्ञानी ही बेहतर बता सकता है ..पर इन  सब में सबसे त्रासद होता है उसके आत्मसम्मान, उसकी इज्जत कि धज्जी उड़ाना.ऐसी घटनाये उसे एक जीवित लाश में बदल कर रख देती है .कोई विरला ही होगा जो इस कदर प्रताड़ित होने के बाद फिर से अपना जीवन सामान्य ढंग से जी सके .

तमाम किताबी सैद्धांतिकी के बावजूद महिलायों को ले कर व्यावहारिक  सच बिलकुल उलट है .महिलाओं  के बारे में  हमारी सोच में कोई मूलभूत परिवर्तन आज तक नहीं हो सका है .वही मध्ययुगीन (या शायद और भी पीछे ?)सोच की गठरी हमारे दिमाग में रखी है .. नई.तकनिकी ने महिलायों के अपमान की कुछ और  प्रविधियां विकसित की है .यम यम एस उनमे से एक है .नेट पर आज ऐसे विडियो का अच्छा खासा दर्शक वर्ग है .दुस्साहस या कुछ विचित्र घटनाओ वाले एडल्ट  विडियो सभ्य समाज में चटकारे ले कर देखे जाते है .आसाम के गुआहाटी  की घटना एक ऐसा ही विडियो तैयार करने  वाली  विकृत सोच की कोशिश थी .अफ़सोस की उनके मंसूबे पूरे हो गए .
बहरहाल आज की ये तीनों शर्मनाक घटनाये बेहद करुणऔर दारुण है .हर एक  संवेदनशील व्यक्ति इन्हें सुन कर बौखला गया  है साथ ही निजाम की उदासीनता देख कर वो  बेहद हताश भी है ...क्या आपको नहीं लगता की हमारी केंद्र सरकार को आज का दिन "राष्ट्रीय शर्म दिवस" के रूप में घोषित कर देना चाहिए

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